विताशोक का जीवन परिचय व इतिहास 2023 | Vitashoka Biography in Hindi

राजकुमार विताशोक (अंग्रेजीः Vitashoka) सम्राट अशोक के सग्गे भाई थे। प्राचीन भारत में यानि आज से लगभग 2400 वर्ष पहले चंद्रगुप्त मौर्य ने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी। विताशोक सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य का ही एक पोता था।

विताशोक का परिचय (Introduction to Vitashoka)

नामविताशोक (Vitashoka)
जन्मतीसरी शताब्दी ईसा पूर्व, पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना, बिहार)
मातासुभद्रांगी
पिता बिंदुसार मौर्य
भाईसम्राट अशोक और 99 अन्य
दादाचंद्रगुप्त मौर्य
दादीदुर्धरा
धर्मतिर्थिका, बौद्ध (बाद में परिवर्तित)
साम्राज्यमौर्य
प्रसिद्धि का  कारणसम्राट अशोक का छोटा भाई
मृत्युअज्ञात

राजकुमार विताशोक का जन्म ईसा पूर्व की तीसरी शताब्दी में पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना, बिहार) में हुआ था। विताशोक को इतिहास की कई पुस्तकों में “तिस्सा” के नाम से भी पुकारा गया है। उसके पिता का नाम बिंदुसार मौर्य और माता का नाम सुभद्रांगी था। वैसे तो विताशोक के 100 भाई थे परंतु सम्राट अशोक उसका सगा भाई था। वे दोनों सुभद्रांगी के ही पुत्र थे परंतु अशोक बड़ा था और विताशोक छोटा था। 

जब रानी सुभद्रांगी ने छोटे बेटे को जन्म दिया था तो असहनीय कष्ट की वजह से सुभद्रांगी ने उसका नाम विताशोक रखा। पिता के सम्राट होने की वजह से, उसे राजकुमार का खिताब मिला और शाही महल में ही उसका पालन-पोषण हुआ।

जैसे हर मां को अपने पुत्र-पुत्रियां प्यारे होते हैं वैसे ही सुभद्रांगी को अशोक और विताशोक प्यारे थे। परंतु, पिता बिंदुसार को अशोक कभी पसंद नहीं आया क्योंकि अशोक की वेशभूषा व दिखावटी भद्दी थी। कहीं न कहीं, पिता के इस रूढ़ स्वभाव की वजह से शुरूआती जीवन में अशोक एक निर्दयी इंसान बन गया था।

अशोक ने अपने 99 भाइयों की हत्या कर दी (Ashoka Killed His 99 Brothers)

जैसा आपने पढ़ा कि विताशोक का एक ही सग्गा भाई था जिसका नाम अशोक था। जब पिता बिंदुसार का स्वास्थ्य बहुत कमजोर हो गया था, उस समय अशोक ने सम्राट बनने के चक्कर में अपने सगे भाई विताशोक को छोड़कर, अन्य 99 भाइयों का कत्ल कर दिया। हालांकि वे 99 भाई उसके सगे भाई नहीं थे, वे दूसरी रानियों के पुत्र थे जो रिश्ते में उसके भाई लगते थे।

अशोक अपने छोटे भाई से बहुत स्नेह करता था। दोनों भाइयों की आपस में बहुत बनती थी। इसी कारण उसने विताशोक को नहीं मारा।

Vitashoka-with-his-own-mother
विताशोक अपनी माता के साथ

विताशोक का स्वभाव (Nature of Vitashoka)

विताशोक तिर्थिका का एक अनुयाई था। (प्राचीन समय में जो लोग बौद्ध धर्म के खिलाफ थे या उसकी आलोचना करते थे, उन लोगों को तिर्थिका के अनुयायी कहा जाता था।) वह प्रायः बौद्ध धर्म के संन्यासियों की आलोचना करता था। उसके अनुसार, बौद्ध भिक्षुक/संन्यासी एक आरामदायक जिंदगी जीते हैं और उसके अलावा कुछ नहीं करते हैं। वे दूसरों के दिये भोजन व आवास के सहारे जीवन यापन करते हैं। राजकुमार को बौद्ध धर्म के इस तरह के संन्यासी पसंद नहीं थे।

जब सम्राट अशोक ने अपने आप को बौद्ध धर्म में परिवर्तित कर लिया था तो उसने कुछ समय बाद अपने भाई विताशोक को भी बौद्ध धर्म अपनाने के लिए कहा। अब विताशोक भी एक बोध संन्यासी बन गया था। यहां तक कि उसके भतीजे भतीजी सब ने बौद्ध धर्म अपना लिया था। वे सभी दूर-दराज के गांवों शहरों में जाकर बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार किया करते थे।

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विताशोक की मृत्यु (Death of Vitashoka)

एक बार किसी ने निरग्रंथा नतापुत्ता नाम के एक इंसान के सामने भगवान बुद्ध की झुकते हुए की फोटो बना दी थी। सम्राट अशोक ने इस दुस्साहस की सजा के लिए निरग्रंथा को मारने के लिए एक इनाम रखा।

परंतु किसी ने विताशोक को निरग्रंथा समझकर उसकी हत्या कर दी। उसका सिर सम्राट अशोक को भेज दिया। जब अशोक को यह पता चला कि वह उसका ही भाई विताशोक था, तो इसके बाद उसने हत्या का आदेश बंद कर दिया।

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FAQS

अशोक की माता का क्या नाम था?

अशोक की माता का नाम सुभद्रांगी था जिनके दो बेटे थे सम्राट अशोक और विताशोक। अशोक उनका बड़ा बेटा था।

सम्राट अशोक का असली भाई कौन था?

सम्राट अशोक का असली भाई का नाम विताशोक था जो उसका छोटा भाई था। विताशोक को छोड़कर, उसने अपने अन्य 99 भाइयों को मार दिया था।

विताशोक के पिता का क्या नाम था?

बिंदुसार मौर्य राजकुमार विताशोक के पिता थे जो अशोक के राजा बनने से पहले मौर्य साम्राज्य के शासक थे।

विताशोक कौन था?

बिंदुसार मौर्य व सुभद्रांगी के छोटे बेटे का नाम विताशोक था। वह अपने बड़े भाई सम्राट अशोक से सुंदर था। दोनों ने ही आखिर में बौद्ध धर्म को अपनाया था।

अशोक ने कितने भाइयों को और क्यों मारा था?

अशोक ने अपने 99 भाइयों का कत्ल कर दिया था क्योंकि वह मौर्य साम्राज्य का सम्राट बनना चाहता था। उसके पिता बिंदुसार अपने सबसे बड़े और प्रिय पुत्र सुसिम को राजा बनाना चाहते थे परंतु अशोक सुसिम को नहीं, खुद को राजा बनाना चाहता था।

तो बस दोस्तों, मुझे उम्मीद है आपको यह राजकुमार विताशोक (Vitashoka) का जीवन परिचय पढ़कर अच्छा लगा होगा। अगर आपका कोई सुझाव या कोई प्रश्न है तो आप मुझे नीचे कमेंट करके बता सकते हैं। यहां तक पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। 

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