12 Good & Healthy Habits for Children in Hindi | बच्चों के लिए अच्छी व स्वस्थ आदतें

Good and healthy habits for children in Hindi – आज इस विज्ञान के युग में बच्चों के संस्कार व उनकी आदतें बहुत जल्दी बदल रही हैं। बच्चे बहुत जल्दी ही बुरी आदतें सीख लेते हैं जिसकी वजह से उनके शारीरिक व मानसिक विकास पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। अच्छी व स्वस्थ आदतें न होने के कारण बच्चे में बौद्धिक विकास में कमी आती है। वह दूसरों से घृणा व अविनम्र व्यवहार करने लगता है। 

बच्चे को उसके बचपन से ही अच्छी आदतें, गुण व संस्कार देने जरूरी है क्योंकि उसी से ही उसके व्यक्तित्व का निर्माण होता है। बचपन में सिखाई गई चीजें बच्चे के भविष्य की नींव की तरह होती है जो उसके आने वाले भविष्य का निर्माण करती है। 

इसलिए बच्चे के शुरुआती समय में ही उसे अच्छी व स्वस्थ आदतें सिखाना अत्यंत ही आवश्यक है। आप एक जागरूक नागरिक हैं और आप अपने बच्चों को नीचे दी गई बातें को जरूर सिखाइए। उन्हें अच्छी चीजों से प्रेरित कीजिए। (Good and healthy habits for children in Hindi)

Good & Healthy Habits for Children in Hindi (बच्चों की अच्छी व स्वस्थ आदतें)

बच्चों की अच्छी व स्वस्थ आदतें उन्हें एक प्रबुद्ध इंसान बनाती हैं तथा उनके जीवन में नैतिक मूल्यों का निर्माण करती है। इन अच्छी व स्वस्थ आदतों को एक बच्चे को सिखाना चाहिए –

  • बच्चों को फोन से दूर रखना
  • शारीरिक खेल-कूद के लिए प्रेरित करना
  • बच्चों का खेल समय निर्धारित करना
  • ऑनलाइन गेमिंग से दूर रखना
  • अपने साथ बिठाकर पढ़ाना
  • गलत संगत से दूर रखना
  • हल्दी भोजन करना
  • नशा वाली चीजों से दूर रखना
  • बच्चों को नई चीजें सिखाना
  • बच्चों को महान व्यक्तियों की कहानियां सुनाना
  • संस्कार सिखाना
  • टीवी देखने का समय निश्चित करना

इन सभी आदतों को हमने नीचे विस्तृत रूप से समझाने की कोशिश की है। ये आदतें एक बच्चे के बचपन के समय में ही ला देनी चाहिए ताकि वह समझदार इंसान बन पाए।

Good & Healthy Habits for Children in Hindi (बच्चों के लिए अच्छी व स्वस्थ आदतें)
Good & Healthy Habits for Children in Hindi (बच्चों के लिए अच्छी व स्वस्थ आदतें)

1. बच्चों को फोन से दूर रखना

आज के इस आधुनिक युग में स्मार्टफोन सबसे महत्वपूर्ण उपकरण बन गया है। इसी आधुनिकीकरण की दौड़ में हम अपने घर के छोटे बच्चों को भी सम्मिलित कर रहे हैं। 

स्मार्टफोन के बहुत सारे फायदे भी हैं और बहुत सारे नुकसान भी हैं। परंतु, एक छोटे बालक या बालिका के लिए स्मार्टफोन बहुत नुकसानदायक साबित हो सकता है क्योंकि नादान बच्चों को सही और गलत का पता नहीं होता।

जब कभी भी छोटे बच्चे के हाथ में स्मार्टफोन आ जाता है तो वह कुछ तुच्छ ऐप को वह देखने लगता है। ऐसी तुच्छ एप्स में छोटे-छोटे वीडियो होते हैं जो अपने आप चलते रहते हैं, जिससे बच्चे के मानसिक विकास पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। उसके जीवन में वैसी ही तुच्छ चीजें उसे अच्छी लगने लगती है जिससे उसके माननीय मूल्यों व दिमागी विकास का ह्रास होता है।

बच्चों के द्वारा स्मार्टफोन का उपयोग करने पर होने वाले नुकसान

  • आंखों में से पानी पड़ना
  • दिमागी विकास रुक जाना
  • चिड़चिड़ापन उत्पन्न होना
  • किसी से बात नहीं करना
  • फोन ना मिलने पर घृणा करना
  • अनैतिक गुणों का उत्पन्न होना

स्मार्टफोन के द्वारा होने वाले नुकसानों की लिस्ट बहुत लंबी है। जितना हो सके अपने बच्चों को स्मार्टफोन से दूर रखिए। अगर अध्ययन हेतु स्मार्टफोन का भी उपयोग करना पड़े तो भी आप स्मार्ट फोन का उपयोग ना ही करें। इसके बदले में आप लैपटॉप या डेस्कटॉप कंप्यूटर का उपयोग करें क्योंकि लैपटॉप व डेस्कटॉप कंप्यूटर, स्मार्टफोन की तुलना में ज्यादा खतरनाक साबित नहीं होते। (Good and healthy habits for children in Hindi)

2. शारीरिक खेलकूद के लिए प्रेरित करना

“Health is Wealth.” (हेल्थ इज वेल्थ यानि कि स्वास्थ्य ही धन है।)

आपने इस अंग्रेजी कहावत को जरूर सुना होगा। यह कहावत बहुत हद तक सही बैठती हैं। अगर हम स्वस्थ हैं तो कुछ भी कर सकते हैं और कमा सकते हैं परंतु अगर हमारा स्वास्थ्य खराब है तब हम कुछ नहीं कर सकते, चाहे हम कोई भी हो। 

इसलिए अपने बच्चों व खुद के स्वास्थ्य पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। उनके खेलने कूदने पर विशेष रुप से ध्यान रखें। अगर आपके बच्चे पूरे दिन घर में रहते हैं तो यह संभव है कि वे शारीरिक प्रतिक्रिया में कोई भाग नहीं लेते होंगे। तो आप उन्हें प्रेरित कीजिए कि वे अन्य बच्चों के साथ कम से कम घंटे भर खेलने जरूर जाएं ताकि उनके दिमाग में नए विचारों का आदान प्रदान हो तथा शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो। 

अगर आपके आस पड़ोस में कोई छोटे बच्चे नहीं है तो आप खुद भी अपने बच्चों के साथ खेलने का प्रयास कर सकते हैं।

3. बच्चों का खेल समय निर्धारित करना

बच्चों का शारीरिक खेलकूद में भाग लेना बहुत ही अच्छा है। पर ध्यान रहे यह तभी तक अच्छा है जब तक यह नियंत्रण में है। अगर आपके बच्चे अपना अधिकांश समय खेलने कूदने में लगा देते हैं तो फिर यह बुरा साबित भी हो सकता है। 

जब बहुत सारे दोस्त मिलकर गेम खेलते हैं तो यह बहुत ज्यादा मनमोहक बन जाता है जिसकी वजह से खिलाड़ी उसे छोड़ नहीं पाते हैं। 

उसी तरह छोटे बच्चे भी अपनी साथियों के साथ मिल कर के जब खेलना प्रारंभ करते हैं तो वे भूख न लगने तक खेलते ही रहते हैं और उन्हें पता नहीं चलता कि उनका कितना समय इसमें चला गया। क्योंकि यह अब उनके लिए मनमोहक बन गया है। 

इससे बचने के लिए आप अपने बच्चे के खेलकूद के समय पर नियंत्रण बना सकते हैं।

पर अगर उसका यह पैशन या रुचि बन गया है तो उस समय में आप उसे किसी खेल एकेडमी में भेज सकते हैं और उसे खेल के लिए और अधिक प्रेरित कर सकते हैं जिससे संभव है कि वह आने वाले समय में बहुत अच्छा खिलाड़ी बन सकता है। (Good and healthy habits for children in Hindi)

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4. ऑनलाइन गेमिंग से दूर रखना

आपने यह निश्चित कर लिया होगा कि आप अपने फोन को अपने बेटे या बेटी को नहीं देंगे और यह मान लिया होगा कि वे इंटरनेट की दुनिया से दूर रहेंगे। 

परंतु, संभवतः जब भी कोई रिश्तेदार या फिर कोई आपका जानकार आपके घर में आता है तो आपके बच्चे उनके फोन को मांगने लगते हैं। कुछ मामलों में वे उनके फोन को उपयोग भी कर लेते हैं और गेम खेलना शुरु कर देते हैं। या फिर आपके घर का लैपटॉप या डेस्कटॉप कंप्यूटर का प्रयोग ऑनलाइन गेमिंग के लिए कर सकते हैं। 

ऐसी स्थिति में आप अपने बच्चों को अकेले में समझाएं कि यह चीजें तुम्हारे लिए अभी के समय में कितना हानिकारक हो सकती हैं और आप उन्हें यह वादा करें कि जब वे बड़े हो जाएंगे तब उनके लिए अलग से मोबाइल फोन या अन्य कंप्यूटर ला कर देंगे। 

इन तरह की बातों से बच्चों में सकारात्मक संदेश जाता है और वे आप की कही हुई बातों के अनुसार ही चलते हैं। आप हर संभव प्रयास यही करें कि आप अपने बच्चों को डांटे ना, बल्कि उनकी बातों को समझें और उन्हें सही दिशा की ओर निर्देशित करें। 

5. अपने साथ बिठाकर पढ़ाना

अपने बच्चे की पढ़ाई पर भी ध्यान रखना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि उसका अच्छा स्वास्थ्य। अपने समय में से समय निकाल कर के अपने बच्चे की पढ़ाई को भी जाने ताकि आपको पता चले कि आपका बच्चा पढ़ाई में किस तरह से चल रहा है।

हर संभव यही प्रयास करें कि आप अपने बच्चे पर किसी भी तरह का मानसिक दबाव न बनाएं। उसकी गलतियों को तुरंत स्वीकार कर लें। वह कहां गलत है इससे ज्यादा वह कहां सही है इसकी बातें करें। उसकी गलती के बारे में भी बताना सही है परंतु गलती के लिए सजा या फिर किसी भी तरह के दबाव देने का प्रयत्न ना करें। 

स्कूल के अंदर पढ़ाये गये विषय की चीजों को डायरेक्ट ना पूछ करके उसे आप यह पूछें कि उसने आज नया क्या सीखा है? उसे आज कौन सी चीजें पता चली जो वह नहीं जानता था या जानती थी।

इस तरह की बातें से आप अपने बच्चे के मनोबल को बढ़ा सकते हैं। (Good and healthy habits for children in Hindi)

6. गलत संगत से दूर रखना

अपने बच्चे को किसी दूसरे लापरवाह बच्चे के साथ रहने ना दे। जैसा कि किसी महापुरुष ने कहा है कि आप अपने दोस्तों को मुझे दिखा दो मैं आपका भविष्य बता दूंगा। 

इस बात से हमें पता चलता है कि हमारे आसपास के रहने वाले लोगों का हमारे ऊपर बहुत ज्यादा प्रभाव होता है। अगर वे लोग अच्छे हैं हम तो हम भी अच्छे इंसान बनेंगे। अगर वे लोग बुरे हैं तो हम भी बुरे बनेंगे। अगर वह लोग दूसरों की भलाई करते हैं तो हम भी दूसरों में भलाई करेंगे। 

कहने का मतलब यही है कि अच्छी संगत से व्यक्ति अच्छा बनता है और बुरी संगत से बुरा बनता है इसलिए आप अपनी संतान को किसी गलत व्यक्ति या फिर उसके दोस्त के साथ रहने मत दीजिए।

7. हल्दी भोजन करना

वर्तमान समय में फास्ट फूड व कुछ कुपोषित कर देने वाले भोजन आ गए हैं जिससे बच्चे के दिमाग का पूर्ण विकास नहीं हो पाता। यहां तक कि उसके शरीर का विकास भी नहीं हो पाता है। 

फास्ट फूड व कुपोषित कर देने वाले भोजन ज्यादातर गांव के बच्चे नहीं खाते हैं परंतु शहरों के बच्चों में यह बहुलता पाई गई है कि वे फास्ट फूड को अधिक पसंद करते हैं। इसी तरह के भोजन के कारण शहरों के बच्चे ज्यादातर मोटे हो जाते हैं। 

एक जागरूक नागरिक होने के नाते, आप अपने बच्चों को फास्ट फूड से बचा कर रखें। उन्हें किसी भी तरह से फास्ट फूड न खिलाएं व अपने घर में बना हुआ ही शुद्ध खाना खिलाए। इस तरह से आप अपने बच्चे में अच्छी व स्वस्थ आदते बना सकते हैं। (Good and healthy habits for children in Hindi)

8. नशा वाली चीजों से दूर रखना

नादान बच्चे किसी भी दूसरे व्यक्ति के बहकावे में आकर कई बार गलतियां भी कर देते हैं। आप अपने बच्चों को किसी ऐसे व्यक्ति के पास न भेजें जिस पर आपको विश्वास ना हो। 

कोई अन्य व्यक्ति की संगत में आकर या उसके बहकावे में आकर किशोर बालक नशे वाली चीजों को भी ग्रहण कर सकता है। इस चीज से बचने के लिए आप अपने बच्चे को पहले से ही बता दें कि इन तरह की चीजों से दूर रहना की बेहतर है। 

आप नशे वाली चीजों के साथ-साथ इसके नुकसान को भी बताइए ताकि उसे भी पता लगे कि नशे वाली चीजों से क्या-क्या बीमारियां व क्या क्या नुकसान हो सकते हैं। 

नशे से होने वाली बीमारियों में कैंसर सबसे प्रमुख है जिससे लाखों लोग मारे जाते हैं। 

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9. बच्चों को नई चीजें सिखाना

स्कूल की पढ़ाई व खेलकूद के अलावा अपने बच्चों को किसी ऐसी नई चीज से अवगत कराइए जिससे उनकी जीवन में सरसता बनी रही है। उन्हें लगे कि बहुत सारी चीजें ऐसी बाकी हैं जिन के बारे में उन्हें पता तक नहीं है। इस तरह की चीजों से उनमें अपने आप सोचने-विचारने की क्षमता पैदा होगी।

नई चीजों में आप विज्ञान से जुड़ी हुई चीजों को सम्मिलित कर सकते हैं जैसे कि नकली नाव बनाकर के पानी में चलाना, वैज्ञानिक घटना को दिखाना, चांद तारों के बारे में बताना, इत्यादि।

10. बच्चों को महान व्यक्तियों की कहानियां सुनाना

जिस तरह से एक छोटे वृक्ष को पानी व अन्य पदार्थ मिलते हैं वह उसी तरह से वृद्धि करता है और एक समय ऐसा आता है कि वह विशाल का वृक्ष बन जाता है। इंसानों का जीवन भी कुछ ऐसा ही है।

बचपन से लेकर के बड़े होने तक उसने जो कुछ भी सीखा है उसमें उसी तरह के गुण व नैतिक मूल्य बने रहते हैं। उसे बचपन में जो सिखाया गया था है वह उसका आधार स्तंभ होता है। 

आपने बहुत सारे महान व्यक्तियों के बारे में पढ़ा होगा और यह पाया होगा कि बचपन से ही उन्होंने कुछ असाधारण कर दिखाया था। तो आप इन महापुरुषों या महानारियों के व्यक्तित्व की कहानियां सुना करके अपने बच्चों को प्रेरित कीजिए। ताकि आपके बच्चे भी असाधारण कर पाए। (Good and healthy habits for children in Hindi)

11. संस्कार सिखाना

भारतीय संस्कृति की यह महानता है कि यहां पर संस्कार एक बहुत महत्वपूर्ण कड़ी है जो एक सभ्य समाज व सभ्य व्यक्ति में पाई जाती है। 

आधुनिकता के इस दौर में हम भारतीय संस्कृति के संस्कारों को भूल कर के पाश्चात्य संस्कृति के संस्कारों को अपनाने में लगे हैं। हमें अपनी संस्कृति के संस्कारों को अपने बच्चों को जरूर सिखाना चाहिए। भारतीय संस्कृति में हर बड़े छोटे व्यक्ति के लिए अलग-अलग तरह की संबोधन शब्द है जो कि एक सभ्य समाज की पहचान है। 

कुछ संस्कारों में माता-पिता की सेवा करना, बड़ों के प्रति आदर तथा उनके साथ सम्मान के साथ बात करना, दूसरों के प्रति द्वेष ना रखना इत्यादि कुछ उदाहरण है। 

13. टीवी देखने का समय निश्चित करना

अपने बच्चों के साथ बैठकर के टीवी देखना आपके लिए व बच्चों के लिए मनोरंजनपूर्ण रहता है। आप अपने बच्चों के साथ बैठकर के किसी नैतिक मूल्यों वाले कार्यक्रम को देखिए जिससे आप के बच्चों को गुणों व संस्कारों के बारे में पता चलेगा। 

परंतु ध्यान रहे कि यह एक बुरी आदत न बन जाए इसलिए आप अपने बच्चों को टीवी देखने का समय भी फिक्स कर दीजिए। जिससे आप अपने बच्चों में अच्छी व स्वस्थ आदतों को बना सकते हैं। (Good and healthy habits for children in Hindi)

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अंतिम शब्द (Final Words) 

इस तरह से आप अपने बच्चों में अच्छी यादों का निर्माण कर पाएंगे। हमें लगता है कि आज इस आधुनिक युग में बुरी आदतों को हटाने पर अच्छी आदते ही बचेंगी या अच्छी आदतें अपने आप पनप सकती हैं इसलिए हमने अधिकांशत ऐसी बातों को लिखा है जिनसे आप अपने बच्चों को बचा सके। 

कुछ बुरी आदतें आज पूरी तरह से इस समाज में पैर जमा चुकी हैं। उन बुरी आदतों से बचने का एक ही तरीका है कि हम उन बुरी आदतों से दूर रहें और अपने बच्चों को भी दूर रखें। 

इन कुछ अच्छी व स्वस्थ आदतों को अपनाने से एक बच्चे का भविष्य को निखारा जा सकता है। (Good and healthy habits for children in Hindi)

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