Bhagavad Gita Quotes in Hindi | भगवत गीता के अनमोल वचन

श्रीमद भगवत गीता के अनमोल वचन (Bhagavad Gita quotes in Hindi)

Best Bhagavad Geeta qotes in Hindi प्रकृति व पुरुष दोनों को ही अनादि जानो एवं विकाससमूह और गुणसमूह को प्रकृति से ही उत्पन्न जानो।

प्रकृति व पुरुष दोनों को ही अनादि जानो एवं विकाससमूह और गुणसमूह को प्रकृति से ही उत्पन्न जानो।

जड़ीय कार्य और कारण के कर्त्तृत्व के विषय में प्रकृति को हेतु कहा जाता है तथा जड़िय सुख-दुख आदि के भोक्तृत्व के विषय में पुरुष (बुद्धिजीवी) को ही हेतु कहा जाता है।

प्रकृति में अवस्थित होकर ही पुरुष प्रकृति से उत्पन्न विषय समूह का भोग करता है तथा प्रकृति के गुणों का संघ ही सत्-असत् योनियों में इस पुरुष के जन्म का कारण है।

इस देह में जीव आत्मा से भिन्न पुरुष साक्षी, अनुमोदनकारी, धारक, पालक, महेश्वर और परमात्मा इत्यादि भी कहे जाते हैं।

भक्तगण भगवत् चिंता द्वारा स्वयं ही हृदय में परम पुरुष का दर्शन करते हैं। ज्ञानी गण संख्या योग द्वारा, योगी गण अष्टांग योग द्वारा एवं कोई कोई निष्काम कर्म योग द्वारा भी उनके दर्शन की चेष्टा करते हैं।

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