हरिवंश राय बच्चन (अंग्रेजी: Harivansh Rai Bachchan) एक महान कवि व लेखक थे। उन्होंने अद्भुत व सराहनीय कविताओं की सरल भाषा में रचना करके लोगों को प्रेरित किया। उनका प्रारंभिक जीवन उत्तरप्रदेश के एक गांव में बीता। उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में इंग्लिश डिपार्टमेंट में पढ़ाया और कम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी की।
हरिवंश राय बच्चन का परिचय (Introduction to Harivansh Rai Bachchan)
नाम | हरिवंश राय श्रीवास्तव |
प्रसिद्ध नाम | हरिवंश राय बच्चन |
जन्म | 27 नवम्बर 1907, बाबूपत्ति गांव, जिला प्रतापगढ़, उत्तरप्रदेश |
माता | सरस्वती देवी श्रीवास्तव |
पिता | प्रताप नारायण श्रीवास्तव |
पुत्र | अमिताभ बच्चन और अजिताभ बच्चन |
पत्नी | श्यामा बच्चन, तेजी बच्चन |
कविताएँ | मधुशाला, मधुबाला, मधुकलश, निशा निमंत्रण, एकांत संगीत, सतरंगिनी व अन्य |
भाषा | हिन्दी, अवधी |
पुरस्कार | पद्म भूषण (1976) |
प्रसिद्धि का कारण | कवि व लेखक |
मृत्यु | 18 जनवरी 2003, मुम्बई, महाराष्ट्र |
जीवनकाल | 95 वर्ष |
हरिवंश राय बच्चन का जन्म 27 नवंबर 1907 को बाबूपत्ति गांव, जिला प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनका जन्म का नाम हरिवंश राय श्रीवास्तव था और बाद में वह हरिवंश राय बच्चन के नाम से प्रसिद्ध हुए।
उनके पिता का नाम प्रताप नारायण श्रीवास्तव तथा माता का नाम सरस्वती देवी श्रीवास्तव था।
हरिवंश राय ने 1941 से लेकर 1957 तक इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में इंग्लिश डिपार्टमेंट में पढ़ाया और उसके बाद उन्होंने अपने 2 साल कैंब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी पूरी करने में बिताए।
हरिवंश राय बच्चन का परिवार (Family of Harivansh Rai Bachchan)
हरिवंश राय बच्चन का प्रथम विवाह वर्ष 1926 में श्यामा देवी के साथ हुआ था। परंतु यह सम्बन्ध लम्बा नहीं रह पाया क्योंकि 1936 में श्यामा देवी का देहांत हो गया था।
1941 में बच्चन जी ने तेजी देवी के साथ विवाह किया। तेजी देवी व हरिवंश राय बच्चन को 2 पुत्रों की प्राप्ति हुई: अमिताभ बच्चन और अजिताभ बच्चन।
बच्चन नाम क्यों चुना (Why the name Bachchan was chosen)
हरिवंश राय श्रीवास्तव जिन्हें हरिवंश राय बच्चन के नाम से जाना जाता है उन्होंने ही सबसे पहले अपने नाम के पीछे बच्चन नाम जोड़ा।
जब उन्होंने हिंदी कविताएं लिखनी शुरू की तो अपना उपनाम श्रीवास्तव हटाकर बच्चन रख लिया।
हालांकि हरिवंश राय का पूरा नाम हरिवंश राय श्रीवास्तव था जो अब हरिवंश राय बच्चन हो गया था।
लेखन में आगमन (Coming to writings)
कवि हरिवंश बच्चन हिंदी भाषाओं में बहुत प्रवीण और कुशल थे। इसके अलावा उन्हें अवधि भी बहुत अच्छी तरह से आती थी।
उन्होंने अधिकांशतः अपनी कविताओं को हिंदी भाषा में लिखा और देवनागरी लिपि का इस्तेमाल किया।
वे पारसी वर उर्दू कविताओं से भी काफी प्रभावित हुए।
जब वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बच्चों को पढ़ाया करते थे उसी समय से उन्होंने लेखन की शुरुआत की और इसी लेखन की शुरुआत से वे धीरे-धीरे प्रसिद्ध कवि बने।
उनके शुरुआती समय में लिखी गई कविताएं बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हुई है जिनमें से मधुशाला सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है।
हरिवंश राय बच्चन की कविताएँ (Poems by Harivansh Rai Bachchan)
हरिवंश राय बच्चन की कविताएँ –
- तेरा हार (1932)
- मधुशाला (1935)
- मधुबाला (1936)
- मधुकलश (1937)
- निशा निमंत्रण (1938)
- एकांत संगीत (1939)
- आकुल अंतर (1943)
- सतरंगिनी (1945)
- हलाहल (1946)
- बंगाल का काव्य (1946)
- खादी के फूल (1948)
- सूत की माला (1948)
- मिलन यामिनी (1950)
- प्रणय पत्रिका (1955)
- धार के इधर उधर (1957)
- आरती और अंगारे (1958)
- बुद्ध और नाचघर (1958)
- त्रिभंगिमा (1961)
- चार खेमे चौंसठ खूंटे (1962)
- दो चट्टानें (1965)
- बहुत दिन बीते (1967)
हरिवंश राय बच्चन की कविताओं की लिस्ट यहीं पर खत्म नहीं होती है उन्होंने और भी कई सारी कविताएं लिखी थी।
आत्मकथाएँ (Autobiographies)
हरिवंश राय बच्चन के द्वारा लिखी गई आत्मकथाएँ –
- क्या भूलूं क्या याद करूं (1969)
- नीड़ का निर्माण फिर (1970)
- बसेरे से दूर (1977)
- दशद्वार से सोपान तक (1985)
- बच्चन रचनावली के नौ खण्ड
हरिवंश राय बच्चन की मृत्यु (Death of Harivansh Rai Bachchan)
हरिवंश राय बच्चन की मृत्यु 18 जनवरी 2003 को 95 वर्ष की आयु में मुंबई, महाराष्ट्र में हुई थी।
बच्चन जी ने हिंदी साहित्य में अपना बहुमूल्य योगदान दिया और अनगिनत कविताएं रचित की। उनकी कविता मधुशाला बहुत प्रसिद्ध हुई। यह कविता उन्होंने अपने कवि जीवन की शुरुआती समय में लिखी थी।
उत्तर- हरिवंश राय बच्चन का जन्म 27 नवम्बर 1907 को बाबूपत्ति गांव, जिला प्रतापगढ़, उत्तरप्रदेश में हुआ था। उनके जन्म का नाम हरिवंश राय श्रीवास्तव था। उनके पिता प्रताप नारायण श्रीवास्तव तथा माता सरस्वती देवी श्रीवास्तव थी।
उनका बचपन ग्रामीण क्षेत्र में बीता था। उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से अपनी शिक्षा ग्रहण की और केम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी की।
उन्होंने बहुत सारी कविताएँ लिखी जो बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हुई। बच्चन जी की मृत्यु 18 जनवरी 2003 को मुम्बई, महाराष्ट्र में हुई थी।
उत्तर- कवि हरिवंश राय की कुछ प्रसिद्ध कविताएं –
मधुशाला (1935)
मधुबाला (1936)
मधुकलश (1937)
निशा निमंत्रण (1938)
एकांत संगीत (1939)
उत्तर- हरिवंश राय बच्चन की मृत्यु 18 जनवरी 2003 को मुम्बई, महाराष्ट्र में हुई थी।
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