सईबाई भोसले का जीवन परिचय | Saibai Biography in Hindi

सईबाई (अंग्रेजी: Saibai; 29 अक्टूबर 1633-5 सितंबर 1659) मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की पहली पत्नी थी। जब वह 7 वर्ष की थी तब उनका विवाह शाहजी महाराज के पुत्र शिवाजी राजे भोसले के साथ कर दिया गया। 

शिवाजी महाराज की मुख्य सहायक तथा सलाहकार उनकी माता जीजाबाई के बाद उनकी पहली पत्नी ही थी। जिन्होंने हर कदम पर शिवाजी का साथ दिया। शिवाजी का भी उनके प्रति असीमित लगाव था।

सईबाई का परिचय (Introduction to Saibai)

नामसईबाई (Saibai)
जन्म29 अक्टूबर 1633 ,फाल्तान (वर्तमान महाराष्ट्र, भारत)
मातारेऊबाई
पितामुधोजी राव नाईक निंबालकर
भाईबालाजी राव नाईक निंबालकर
पतिछत्रपति शिवाजी महाराज
पुत्रसंभाजी महाराज
पुत्रीसखुबाई, रानूबाई, अम्बिकाबाई महादिक
पौताशाहू महाराज 
पौतीभवानीबाई
सासजीजाबाई
ससुरशाहजी भोसले
प्रसिद्धि का कारणशिवाजी महाराज की पहली पत्नी
मृत्यु5 सितम्बर 1659, राजगढ़ किला, पुणे (महाराष्ट्र, भारत)
उम्र26 साल

सईबाई का जन्म 29 अक्टूबर 1633 ईस्वी को फाल्तान, अहमदनगर सल्तनत (वर्तमान महाराष्ट्र) में हुआ था। उनके पिता मुधोजी राव नाईक निंबालकर थे जिनका फाल्तान में शासन था। मुधोजी फाल्तान के 15वें राजा थे। सई की माता रेऊबाई शिरके परिवार से थी। 

बचपन में ही उनका विवाह शिवाजी राजे भोसले के साथ हो गया था जिसकी वजह से वह उनकी पहली पत्नी बन गई थी।

उनका एक भाई भी था जिनका नाम बालाजीराव नायक निंबालकर था जो फाल्तान राज्य के सोलहवें राजा बने थे।

Saibai
सईबाई (Saibai)

सईबाई का छत्रपति शिवाजी के साथ विवाह (Saibai Married to Shivaji Maharaj)

जब सईबाई मात्र 7 वर्ष की थी तब उनका रिश्ता शाहजी भोंसले के पुत्र शिवाजी महाराज के साथ तय हो गया था। दिनांक 16 मई 1640 ईस्वी को सईबाई तथा शिवाजी महाराज का लालमहल (पुणे) में विवाह हो गया। यह विवाह शिवाजी की माता जीजाबाई ने ही संपन्न करवाया था। 

शिवाजी के पिता शाह जी, भाई संभाजी तथा इकोजी इस विवाह में नहीं आ सके। इस विवाह के बाद शाह जी ने शिवाजी, अपनी पुत्रवधू तथा पत्नी जिजाबाई को बेंगलुरु आने के लिए कहा। 

बेंगलुरु में शाहजी, उनकी दूसरी पत्नी तुका बाई तथा उनका पुत्र इकोजी मुगल बादशाह की हुकूमत में काम करते थे। 

छत्रपति शिवाजी महाराज-सईबाई के पति
सईबाई के पति – छत्रपति शिवाजी महाराज

शिवाजी की सबसे प्रिय पत्नी (Shivaji’s Dearest Wife)

शिवाजी महाराज का सईबाई के साथ बचपन में ही विवाह हो गया था। जिसके बाद उन दोनों के बीच में आपसी तालमेल तथा बहुत गहरा रिश्ता बना। दोनों ने एक दूसरे के साथ बहुत नजदीकी संबंध बनाए। 

ऐसा कहा जाता है कि सई बहुत ही बुद्धिमान तथा सौम्य सलाहकार थी जिन्होंने शिवाजी का हर पल में साथ दिया था। वह हमेशा से ही निस्वार्थी तथा निश्चल थी। शायद इसी वजह से ही शिवाजी उन्हें बहुत ज्यादा पसंद करते थे और अन्य रानियों की तुलना में उन्हीं के पास अपना सबसे ज्यादा समय बिताया करते थे। 

सईबाई हमेशा ही शिवाजी की मदद करती थी चाहे वे राज्य के मामले हों या महल के। उनका अपने पति के ऊपर बहुत प्रभाव था।

जब एक बार शिवाजी को बीजापुर के राजा मोहम्मद आदिल शाह ने एक साक्षात्कार के लिए बुलाया था तब उनकी अनुपस्थिति में सारा कार्यभार सईबाई ने हीं संभाला था। 

1659 में सई की मृत्यु तथा 1674 ईस्वी में जीजाबाई की मृत्यु के बाद शिवाजी महाराज का व्यक्तिगत जीवन बहुत ही चिंता तथा प्रसन्नता से भर गया। 

उनकी कुल 8 पत्नियां थी जिनमें से सई उनकी मुख्य थी। परंतु अब सई का देहांत हो चुका था जिसके बाद उनके जीवन में सोयराबाई ने स्थान लिया। सोयराबाई बहुत अलग थी जिसकी वजह से वह शिवाजी के हृदय में ज्यादा स्थान नहीं बना सकी। उनके पुत्र का नाम राजाराम प्रथम था।

छत्रपति शिवाजी जब मृत्यु शैया पर थे तब उनके मुख से सिर्फ एक ही शब्द निकला था वह था “सई” जिससे पता चलता है कि वह सईबाई (Saibai) के प्रति बहुत स्नेह रखते थे।

सईबाई की संताने (Children of Saibai)

सईबाई तथा शिवाजी महाराज को सबसे पहले एक पुत्री की प्राप्ति हुई जिसका नाम सखूबाई था। उनकी दूसरी तथा तीसरी संतान भी पुत्री ही थी जिनके नाम क्रमशः रानूबाई तथा अंबिकाबाई थे। 

इसके बाद 1657 में उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति हुई जिसका नाम संभाजी महाराज रखा गया था। संभाजी के जन्म लेने के बाद पूरे राज्य में प्रसन्नता की लहर दौड़ आई।

शिवाजी महाराज के बड़े भाई संभाजी भोसले 1654 ईस्वी में शहीद हो गए थे जिसकी वजह से उन्होंने अपने पुत्र का नाम संभाजी महाराज रखा था।

सईबाई तथा शिवाजी महाराज के विवाह को जब 19 वर्ष के हो गए थे तब उनकी चार संताने थी। जिनमें से 3 पुत्रियां तथा 1 पुत्र था। 

सईबाई तथा शिवाजी की संताने – 

संतान का नामपुत्र/पुत्रीके साथ विवाह 
सखुबाईपुत्रीमहाद जी (Saibai के भाई का पुत्र)
रानूबाई पुत्रीजाधव परिवार
अम्बिकाबाईपुत्रीहरजी राजे महादिक
संभाजी भोसलेपुत्रयेसूबाई

सईबाई की पुत्री सखुबाई का विवाह 1657 ईस्वी में किया गया था। यह विवाह बालाजी राव निंबालकर के पुत्र महाद जी के साथ हुआ था। बालाजी राव निम्बालकर सईबाई के भाई थे।

कहा जाता है कि बालाजीराव को औरंगजेब ने अपना धर्म परिवर्तन के लिए विवश किया था जिसके उपरांत उन्होंने अपने आप को हिंदू धर्म से मुस्लिम धर्म में बदल लिया था। उन्हें वापस हिंदू धर्म में बदलने के लिए इस विवाह को किया गया था।

रानूबाई का विवाह जाधव परिवार के साथ किया गया था। अंबिकाबाई का विवाह हरजी राजे महादिक के साथ 1668 में किया गया था। संभाजी राजे भोसले का विवाह येसूबाई के साथ किया गया था।

सईबाई की मृत्यु (Death of Saibai)

1657 ईस्वी में सईबाई ने संभाजी को जन्म दिया। संभाजी को जन्म देने के बाद उनके स्वास्थ्य बहुत ही कमजोर रहने लगा वह और ज्यादा बीमार होती चली गई।

मात्र 26 वर्ष की उम्र में, 1659 ईस्वी में राजगढ़ के किले में सईबाई की मृत्यु हो गई।

सईबाई की मृत्यु के समय संभाजी महाराज मात्र 2 वर्ष के थे। मां का देहांत हो जाने के बाद उनका पालन पोषण उनकी दादी मां जीजाबाई ने किया। 

सईबाई की मृत्यु के समय शिवाजी अफजल खान से मिलने के लिए अपनी तैयारियां कर रहे थे। अपनी सबसे प्रिय पत्नी की मृत्यु की खबर सुनकर उन्हें बहुत आघात पहुंचा। उनकी मृत्यु के बाद शिवाजी चिंतित तथा अप्रसन्न ही रहने लगे थे।

कहा जाता है कि जब 1680 में शिवाजी की मृत्यु हुई थी तब उनके मुंह से आखिरी शब्द “सई” निकला था जिससे पता चलता है कि वह उनसे बहुत मोहब्बत करते थे।

1660 ई. में शिवाजी महाराज का सोयराबाई से विवाह करवाया गया था जो कि हंबीरराव मोहिते की छोटी बहिन थी।।

FAQS

प्रश्न : सईबाई कौन थी?

उत्तर- शिवाजी महाराज की पहली पत्नी का नाम सईबाई था जिन्होंने शिवाजी के उत्तराधिकारी संभाजी महाराज को जन्म दिया था। वह शिवाजी के साथ मात्र 26 वर्ष ही रह पाई थी तथा उसके बाद उनकी मृत्यु हो गई।

प्रश्न : संभाजी महाराज की माता का क्या नाम था?

उत्तर- संभाजी महाराज की माता का नाम सईबाई था। संभाजी जब मात्र 2 वर्ष के थे तब उनकी माता का देहांत हो गया था।

प्रश्न : शिवाजी महाराज की सबसे प्रिय पत्नी कौन थी?

उत्तर- सईबाई (Saibai).

प्रश्न : सईबाई का जन्म कब हुआ था?

उत्तर- सईबाई का जन्म 29 अक्टूबर 1633 ईस्वी को फाल्तान (महाराष्ट्र) में हुआ था। उनके पिता का नाम मुधोजी राव नाईक निंबालकर था जोकि फाल्तान के सोलहवें राजा थे।

प्रश्न : सईबाई की मृत्यु कब हुई थी?

उत्तर- सईबाई की मृत्यु 5 सितंबर 1659 ईस्वी को मात्र 26 वर्ष की उम्र में राजगढ़ के किले (पुणे, महाराष्ट्र) में हई थी।

प्रश्न : सईबाई की समाधि कहां है?

उत्तर- सईबाई की समाधि राजगढ़ के किले में बनाई गई है जो कि पुणे (महाराष्ट्र) में स्थित है।

मुझे उम्मीद है दोस्तों आपको यह सईबाई का इतिहास (History of Saibai) जरूर पसंद आया होगा। पसंद आया है तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना मत भूलना। अगर आपका कोई प्रश्न या सुझाव है तो नीचे कमेंट करके मुझे जरूर बताना यहां तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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