सोयराबाई भोसले का जीवन परिचय 20223| Soyarabai Biography in Hindi

सोयराबाई (अंग्रेजीः Soyarabai) छत्रपति शिवाजी महाराज की दूसरी पत्नी थी। शिवाजी सोयराबाई के साथ गहरे भाव से जुड़े हुए नही थे क्योंकि वह एक तर्कात्मक स्त्री थी। उनका विवाह छत्रपति की सौतेली माता के कहने पर करवाया गया था। उनका विवाह बहुत छोटी उम्र में ही करवाया गया था। वह शिवाजी की 8 पत्नियों में से एक थी जिन्हे शिवाजी की जिन्दगी में सईबाई के बाद स्थान मिला।

सोयराबाई की जीवन परिचय (Introduction to Soyarabai)

नामसोयराबाई (Soyarabai)
पितासंभाजी मोहिते
भाईहंबीरराव मोहिते, हरीफराव, शंकरजी
बहिनअन्नुबाई
पतिछत्रपति शिवाजी महाराज
पुत्रराजाराम प्रथम
पुत्रीदीपाबाई (बालीबाई)
सौतेला पुत्रसंभाजी महाराज
बहूताराबाई
पोताशिवाजी द्वितीय
सासजीजाबाई
ससुरशाहजी भोसले
प्रसिद्धि का कारणछत्रपति शिवाजी महाराज की द्वितीय पत्नी
मृत्यु1681, रायगढ़ की किला, पुणे (महाराष्ट्र)
सोयराबाई की छवि, वीर शिवाजी (2012) नाटक में
सोयराबाई, वीर शिवाजी (2012) नाटक में
(Source: https://www.facebook.com/ayeshakaduskarr)

सोयराबाई मराठा सेना के मुख्य अध्यक्ष हंबीरराव मोहिते की छोटी बहन थी। 1660 में छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ उनका विवाह हुआ था। सोयराबाई की उम्र शिवाजी महाराज की तुलना में काफी छोटी थी।

एक बार शिवाजी महाराज अपनी माता जीजाबाई के साथ पिता शाहजी भोसले से मिलने के लिए बेंगलुरु गए हुए थे। वहां पर शिवाजी की सौतेली माता तुकाबाई ने शिवाजी का अपनी भतीजी सोयराबाई के साथ विवाह करने का प्रस्ताव रखा था। 

शिवाजी के माता पिता ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया तथा उनका विवाह 1660 ईश्वी में सोयरा से करवा दिया।

उस समय से पहले भी शिवाजी की कई पत्नियां थी जिनमें से सईबाई उनकी मुख्य पत्नी थी। उनका विवाह बचपन में (1640 में, मात्र 7 वर्ष की उम्र में) ही हो गया। परंतु, 1659 में कमजोर स्वास्थ्य के कारण सईबाई की मृत्यु हो गई थी। 

जिसकी वजह से छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन में दुख के बादल छा गए और इसी वजह से उनका विवाह सोयराबाई  (Soyarabai) के साथ करवाया गया था।

सईबाई के पुत्र का नाम संभाजी महाराज था जो शिवाजी महाराज के बाद मराठा साम्राज्य के उत्तराधिकारी शासक बने थे।

छत्रपति शिवाजी के जीवन में सोयराबाई (Soyarabai in the Life of Shivaji)

सोयराबाई ने शिवाजी राजे के एक पुत्र तथा एक पुत्री को जन्म दिया जिनके नाम क्रमशः राजाराम तथा दीपाबाई(बालीबाई) थे। इतिहास में राजाराम को राजाराम प्रथम भोंसले के नाम से जाना जाता है

सईबाई की मृत्यु के बाद सोयराबाई धीरे-धीरे शिवाजी की व्यक्तिगत जीवन के अंदर आने लगी। 1674 ईस्वी में शिवाजी की माता जीजाबाई का भी देहांत हो गया जिसके बाद शिवाजी अकेले पड़ गए। 

अब ऐसा कोई नहीं था जिसके साथ वह अपने मन की बातों को साझा कर सकते थे। सोयरा (Soyarabai) तर्क-वितर्की महिला थी जो शिवाजी की भावनाओं को समझ नहीं पाई।

1680 में शिवाजी महाराज की मृत्यु हो गई थी। कई इतिहासकार मानते हैं कि उनकी मृत्यु का कारण सोयराबाई ही थी जिन्होंने उन पर मानसिक तनाव बना दिया था।

सोयराबाई के पति - छत्रपति शिवाजी महाराज
छत्रपति शिवाजी महाराज (सोयराबाई के पति)

शिवाजी महाराज की मृत्यु के बाद (After the Death of Shivaji Maharaj)

शिवाजी महाराज की मृत्यु के बाद सोयराबाई (Soyarabai) चाहती थी कि उसका पुत्र राजाराम मराठा साम्राज्य की राजगद्दी पर बैठे। 

परंतु शिवाजी महाराज के सबसे बड़ा पुत्र संभाजी राजे मराठा साम्राज्य की राजगद्दी पर बैठना चाहते थे।

शिवाजी महाराज की मृत्यु के बारे में संभाजी महाराज को बताया नहीं गया था। शिवाजी महाराज की मृत्यु के सोयराबाई ने 21 अप्रैल 1680 को कुछ मंत्रियों की सहायता से अपने 10 वर्षीय पुत्र राजाराम को मराठा साम्राज्य के शासन पर बिठा दिया।

परंतु जैसे ही यह खबर संभाजी महाराज तक पहुंची तो उन्होंने सोयरा (Soyarabai) के भाई हंबीरराव मोहिते के साथ मिलकर के राजाराम को शासन से हटा दिया। 

20 अप्रैल 1680 को संभाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की बागडोर संभाली तथा खुद को छत्रपति की उपाधि दी।

सोयराबाई की मृत्यु (Death of Soyarabai)

20 जुलाई 1680 को जब संभाजी ने मराठा साम्राज्य के शासन पर अधिकार कर लिया था तब उन्होंने हर एक को बुलाया जो उन्हें शासक बनने से रोक रहे थे। 

उन्होंने दोषियों को कई महीने की सजा सुनाई तथा बाद में उन्हें रिहा कर दिया।

परंतु सोयराबाई ने फिर से चालाकी अपनाई तथा अगस्त 1681 को संभाजी को जहर खिलाकर मारने की कोशिश की परंतु वे किसी तरह से बच गए।

और 1681 के आखिरी महीनों में संभाजी महाराज ने अपनी सौतेली माता सोयराबाई को मृत्यु के घाट उतार दिया।

इसके अलावा कई देशद्रोही मंत्रियों तथा अन्य व्यक्तियों को भी मृत्यु के घाट उतार दिया गया था जिन्होंने संभाजी को मारने की कोशिश की थी।

बार-बार पूछे गए प्रश्न (FAQs)

प्रश्न : सोयराबाई कौन थी?

उत्तर- सोयराबाई छत्रपति शिवाजी महाराज की 8 पत्नियों में से एक पत्नी थी जो सईबाई के बाद उनके जीवन में महत्वपूर्ण स्थान बना पाई थी। हालांकि, शिवाजी उनके प्रति इतने भावनात्मक रूप से जुड़े हुए नहीं थे। वह शिवाजी के दूसरे पुत्र राजाराम की माता भी थी।

प्रश्न : सोयराबाई के बेटे का क्या नाम था?

उत्तर- राजाराम प्रथम।

प्रश्न : शिवाजी महाराज का सोयराबाई के साथ विवाह कब हुआ था?

उत्तर- 1660 ईस्वी में।

प्रश्न : शिवाजी महाराज की कितनी पत्नियां थी?

उत्तर- 8.

प्रश्न : सोयराबाई की मृत्यु कब और कैसे हुई थी?

उत्तर- 1681 ईस्वी में सोयराबाई की मृत्यु हुई थी क्योंकि उन्होंने अपने सौतेले पुत्र संभाजी महाराज के खिलाफ षड्यंत्र रचे थे ताकि वह मराठा साम्राज्य की राज गद्दी पर बैठे पाए। जिसकी वजह से संभाजी महाराज ने उनकी हत्या करवा दी।

प्रश्न : शिवाजी महाराज की मृत्यु का क्या कारण था?

उत्तर- शिवाजी महाराज की मृत्यु 5 अप्रैल 1680 को रायगढ़ के किले में हुई थी क्योंकि पत्नी सोयराबाई के द्वारा अपने पुत्र राजाराम को शासक बनाने के लिए षड्यंत्र रचना तथा पुत्र संभाजी के लिए चिंतन करने कारण उनकी मृत्यु हुई थी।

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