सुभद्रा कुमारी चौहान की 12 कविताएं | Subhadra Kumari Chauhan Poems

Subhadra Kumari Chauhan Poems – अगर आप कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान की प्रसिद्ध कविताओं को पढ़ना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। इस आर्टिकल के अंदर हमने सुभद्रा कुमारी चौहान की कुछ प्रसिद्ध कविताओं को संकलित किया है। ये कविताएं हिंदी साहित्य में काफी प्रसिद्ध रही।

सुभद्रा कुमारी चौहान – संक्षिप्त परिचय

नामसुभद्रा कुमारी चौहान (Subhadra Kumari Chauhan)
जन्म16 अगस्त 1904, गांव निहालपुर, जिला इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)
गृहनगरजबलपुर , मध्य प्रदेश
उम्र43 वर्ष
पिताठाकुर रामनाथ सिंह
माताधिराज कुँवरि 
शिक्षानौवीं कक्षा पास
पेशाकवयित्री, लेखिका
धर्महिन्दू
पतिठाकुर लक्ष्मण सिंह
संतान5
बेटेअजय चौहान, विजय चौहान और अशोक चौहान
बेटीसुधा चौहान और ममता चौहान
प्रसिद्ध रचनाएँ’झाँसी की रानी’, ’बिखरे मोती’ (1932) , ’उन्मादिनी’ (1934), ’सीधे सादे चित्र’ (1947)
मृत्यु/निधन15 फरवरी 1948, सिवनी जिला (मध्य प्रदेश)

सुभद्रा कुमारी चौहान की कविताएं (Subhadra Kumari Chauhan Poems)

सुभद्रा कुमारी चौहान की कविताएं (Subhadra Kumari Chauhan Poems)
सुभद्रा कुमारी चौहान की कविताएं (Subhadra Kumari Chauhan Poems)

प्रियतम से

बहुत दिनों तक हुई परीक्षा 
अब रूखा व्यवहार न हो।
अजी, बोल तो लिया करो तुम
चाहे मुझ पर प्यार न हो॥
जरा जरा सी बातों पर 
मत रूठो मेरे अभिमानी।
लो प्रसन्न हो जाओ
गलती मैंने अपनी सब मानी॥
मैं भूलों की भरी पिटारी 
और दया के तुम आगार।
सदा दिखाई दो तुम हँसते
चाहे मुझ से करो न प्यार॥

सुभद्रा कुमारी चौहान

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