शिवाजी द्वितीय का जीवन परिचय | Shivaji II Biography & History in Hindi

शिवाजी द्वितीय (अंग्रेजीः Shivaji II) छत्रपति शिवाजी महाराज के पोते तथा राजाराम प्रथम के बेटे थे। वे मराठा साम्राज्य का चौथा छत्रपति शासक थे जिसने 1700 से लेकर 1707 तक शासन किया। इसके बाद उसने 1710 से लेकर 1714 तक मराठा साम्राज्य के राज्य कोल्हापुर पर शासन किया। 

शिवाजी द्वितीय जब मात्र 4 वर्ष का था तब उसकी माता ताराबाई ने उसे छत्रपति घोषित करके मराठा साम्राज्य की राजगद्दी पर बिठा दिया था। परंतु, 1707 में जब संभाजी महाराज के पुत्र शाहू महाराज को मुगलों ने रिहा कर दिया तब उन्होंने शिवाजी II को राजगद्दी से हटा दिया। 1707 के बाद शाहू महाराज ने मराठा साम्राज्य का कार्यभार संभाला। 

शिवाजी द्वितीय का परिचय (Introduction to Shivaji II)

नामशिवाजी द्वितीय (Shivaji II)
जन्म दिनांक6 जून, 1696
जन्म स्थानजिन्जी, महाराष्ट्र (भारत)
माताताराबाई
पिताराजाराम भोसले प्रथम
पुत्रराजाराम द्वितीय
दादाछत्रपति शिवाजी महाराज
दादीसोयराबाई
पूर्ववर्ती राजाराजाराम भोसले प्रथम
उत्तराधिकारी राजाछत्रपति शाहू महाराज
शासन काल1700-1707 मराठा साम्राज्य, 1710-1714 कोल्हापुर राज्य.
प्रसिद्धि का कारणछत्रपति शिवाजी महाराज का पोता 
मृत्यु14 मार्च 1726, रायगढ का किला, महाराष्ट्र (भारत)
जीवनकाल29 वर्ष
शिवाजी द्वितीय का जीवन परिचय | Shivaji II Biography & History in Hindi
शिवाजी द्वितीय का जीवन परिचय (Shivaji II Biography & History in Hindi)

छत्रपति शिवाजी द्वितीय का जन्म 6 जून 1696 को जिंजी (महाराष्ट्र) के मराठा परिवार में हुआ था। उसके पिता राजाराम प्रथम तथा माता ताराबाई थी। ताराबाई हंबीरराव मोहिते की पुत्री थी। अतः हंबीरराव मोहिते शिवाजी द्वितीय का नाना था।

वह छत्रपति शिवाजी महाराज का एक पोता था। शिवाजी द्वितीय के पिता के बड़े भाई ही संभाजी महाराज थे। यह उसका सौभाग्य था कि वह देवतुल्य पूर्वजों के वंश में पैदा हुआ था।

जब उसका जन्म हुआ था, उस समय मराठा साम्राज्य अस्त-व्यस्त हो रखा था। उसके दादा महान शिवाजी महाराज की मृत्यु 1680 में हो चुकी थी। और 1689 में उसके चाचा (पिता के बड़े भाई) संभाजी महाराज को मुगलों ने मौत के घाट उतार दिया था। उसके बाद संभाजी के पुत्र शाहू महाराज व पत्नी येसूबाई को भी मुगलों ने बंदी बना लिया। 

ऐसी स्थिति में राजाराम प्रथम ने कुछ वर्षों तक शासन संभाला परंतु बाद में उन्हें भी मृत्युदंड दे दिया गया। ऐसी स्थिति में मराठा शासन की राजगद्दी सूनी हो गई थी।

शिवाजी द्वितीय का शासन (Reign of Shivaji II)

6 जून, 1696 ईस्वी को राजाराम प्रथम की पत्नी ताराबाई ने शिवाजी द्वितीय को जन्म दिया। उसके जन्म के पहले ही मुगलों ने उसके पिता को मौत के घाट उतार दिया था। जब शिवाजी मात्र 4 वर्ष का था तब उसकी माता ताराबाई ने सन् 1700 में उसे मराठा साम्राज्य की राजगद्दी पर बिठाया तथा मराठों का चौथा छत्रपति घोषित किया।

ताराबाई ने अप्रत्यक्ष रूप से मराठा शासन की बागडोर संभाली। अपने शासन के वक्त उन्होंने वीरांगना का रूप धारण करके मुगलों से युद्ध किए। 

1707 में जब औरंगजेब की मृत्यु हुई थी तब नए मुगल शासक बहादुर शाह ने मराठों से रिश्तों को वापिस से अच्छा बनाने के लिए संभाजी महाराज के पुत्र शाहू महाराज को जेल से रिहा कर दिया गया।

जब 1707 में शाहू महाराज जेल से बाहर आए तो उन्हें राजगद्दी के लिए अपनी चाची ताराबाई के साथ छोटा सा युद्ध करना पड़ा। इस युद्ध में विजय के बाद शाहू ने मराठा साम्राज्य की बागडोर संभाली तथा शिवाजी को राजगद्दी से हटा दिया।

माता ताराबाई ने उनका विरोध करते हुए, 1707 में कोल्हापुर में अलग से एक दरबार सजाया। परंतु, किसी कारणवश यह अपने मकसद में सफल नहीं हो सका।

उसके बाद, 1710 में शाहू महाराज ने शिवाजी को कोल्हापुर राज्य दे दिया। 1714 तक शिवाजी ने वहां की देखरेख की। 

1714 में शिवाजी की सौतेली माता राजसबाई ने कोल्हापुर पर अपने पुत्र को अधिकार दिला दिया तथा उसे वहां से हटा दिया।

शिवाजी द्वितीय की मृत्यु (Death of Shivaji II)

छत्रपति शिवाजी द्वितीय की मृत्यु 14 मार्च 1726 को रायगढ़ के किले (वर्तमान महाराष्ट्र में) स्मालपॉक्स नामक महामारी के कारण हुई। उस समय उनकी आयु मात्र 29 वर्ष थी।

शिवाजी का एक पुत्र भी था जिसका नाम राजाराम द्वितीय था। उसे इतिहास में सतारा के राजाराम द्वितीय के नाम से भी जाना जाता है।

बाद में शाहू महाराज ने इसी राजाराम द्वितीय को गोद ले लिया तथा अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। इस तरह, शिवाजी का पुत्र (Son of Shivaji II) राजाराम द्वितीय मराठों का उत्तराधिकारी बना।

FAQs

शिवाजी द्वितीय कौन था?

राजाराम प्रथम तथा ताराबाई का पुत्र शिवाजी द्वितीय (Shivaji II) था जिसका जन्म 6 जून 1696 ईस्वी को जिंजी (महाराष्ट्र) में हुआ था। मात्र 4 वर्ष की आयु में वह मराठा छत्रपति बना और 7 वर्षों तक उसने मराठा छत्रपति के रूप में शासन किया। असल में, उसकी माता ताराबाई ने ही पूरे शासन की बागडोर संभाली थी। उसके पिता की मुगलों ने उसके जन्म से पहले ही हत्या कर दी थी।

शिवाजी द्वितीय की मृत्यु कैसे हुई थी?

शिवाजी द्वितीय की मृत्यु 14 मार्च 1726 को रायगढ़ के किले में हुई थी। उनकी मृत्यु का मुख्य कारण स्मॉलपॉक्स नामक महामारी था।

छत्रपति शाहू महाराज के बाद उत्तराधिकारी कौन बना था?

सतारा का राजाराम द्वितीय।

शिवाजी द्वितीय की आयु कितनी थी?

29 वर्ष।

शिवाजी द्वितीय के नाम से किसे जाना जाता है? 

शिवाजी द्वितीय, छत्रपति शिवाजी महाराज का ही एक पोता था जिसके पिता राजाराम प्रथम तथा माता ताराबाई थी।

मुझे उम्मीद है दोस्तों आपको शिवाजी द्वितीय के इतिहास व जीवन परिचय (Biography of Shivaji II) को जानकर कुछ नई चीजें सीखने को मिली होंगी। अगर आपका कोई प्रश्न या सुझाव है तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं। यहां तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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