कमलेश्वर प्रसाद सक्सेना (अंग्रेजी: Kamleshwar Prasad Saxena) को कमलेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। कमलेश्वर हिंदी भाषा के एक प्रसिद्ध लेखक थे।
वह नई कहानी आंदोलन में भी शामिल थे। बीसवीं सदी के मध्य में शुरू हुई नई कहानी आंदोलन में कमलेश्वर के साथ-साथ मोहन राकेश, मन्नू भंडारी, राजेंद्र यादव भी शामिल थे।
कमलेश्वर का परिचय (Introduction to Kamleshwar)
नाम | कमलेश्वर प्रसाद सक्सेना (Kamleshwar Prasad) |
जन्म | 6 जनवरी 1932, मेनपुरी, उत्तरप्रदेश |
उपन्यास | काली आंधी, मौसम, छोटी सी बात, रंग बिरंगी इत्यादि |
कहानियाँ | मानस का दरिया, नीली झील, कस्बे का आदमी इत्यादि |
प्रसिद्धि का कारण | लेखक |
मृत्यु | 27 जनवरी 2007, फरिदाबाद, हरियाणा |
जीवनकाल | 75 वर्ष |
कमलेश्वर 20वीं सदी के प्रसिद्ध लेखकों में से एक थे। उनका जन्म 6 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के मणिपुर में हुआ था। अपने जीवन के शुरुआती वर्षों में वे मणिपुर में ही रहे।
कमलेश्वर अपनी ग्रेजुएशन तथा मास्टर्स के लिए इलाहाबाद गए और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से उन्होंने उच्चत्तर शिक्षा ग्रहण की।
जब कमलेश्वर एक विद्यार्थी थे तब उनका पहला उपन्यास प्रकाशित हुआ था जिसका नाम बदनाम गली था।
लेखन में आगमन (Arrival into Writing)
शिक्षा ग्रहण करने के बाद उन्होंने प्रूफरीडर का कार्य शुरू किया और धीरे-धीरे वे विहान मैगजीन में एडिटर बन गए। इसके बाद उन्होंने कई सारी अन्य मैगजीन में भी एडिटर का काम किया। वह 1990 से 1992 तक दैनिक जागरण के तथा 1996 से 2002 के बीच में दैनिक भास्कर के भी एडिटर रहे।
कमलेश्वर छोटी कहानियों, स्क्रीन स्क्रिप्ट राइटर जैसे कार्यों के लिए जाने गए।
उन्होंने अपने लेखन जीवन में लगभग 300 से ज्यादा कहानियां लिखी। मानस का दरिया, नीली झील और कस्बे का आदमी जैसी छोटी कहानियां बहुत प्रचलित हुई।
उनके कुछ उपन्यास जैसे एक सड़क 57 गलियां, लौटे हुए मुसाफिर, काली आंधी, आगामी अतीत, रेगिस्तान और कितने पाकिस्तान भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध हुए।
टेलीविजन दुनिया और फिल्मों की स्क्रिप्ट बनाना
वर्ष 1970 में कमलेश्वर मुंबई चले गए और वहां पर हिंदी फिल्मों के लिए स्क्रिप्ट और डायलॉग लिखना शुरू किए। अगले कुछ वर्षों में उन्होंने 75 फिल्मों के लिए कार्य किया जिनके लिए उन्होंने स्क्रिप्ट लिखी। कुछ फिल्म जैसे गुलजार की आंधी उनके ही उपन्यास काली आंधी पर आधारित थी।
उनके द्वारा लिखी गई स्क्रिप्ट या डायलॉग के आधार पर बनी फिल्मों को हमने नीचे संकलित किया है जहां से आप उन सभी फिल्मों के नाम पढ़ सकते हैं।
1979 में उन्होंने बेस्ट स्क्रीनप्ले के लिए फिल्म फेयर अवार्ड जीता। यह अवार्ड उन्हें बी आर चोपड़ा के निर्देशन में बनाई गई फिल्म पति, पत्नी और वो में मिला ।
इसके अलावा उन्होंने टीवी सीरियल्स जैसे चंद्रकांता, आकाशगंगा एंड बेताल पच्चीसी के लिए कहानियां लिखी।
उन्होंने दूरदर्शन चैनल पर परिक्रमा नामक का एक प्रसिद्ध टॉक शो भी होस्ट किया और साप्ताहिक साहित्यिक पत्रिका की भी शुरुआत की।
इसके अलावा उन्होंने टीवी चैनल पर अलग-अलग तरह के प्रोग्राम्स भी बनाए। दूरदर्शन के लिए राजनीति और सामाजिक मुद्दों पर डॉक्यूमेंट्री भी बनवाई।
कमलेश्वर का साहित्यिक कार्य
कमलेश्वर प्रसाद सक्सेना ने साहित्य क्षेत्र में भी अपना योगदान दिया। उनके द्वारा रचित कुछ रचनाएं निम्नलिखित हैं –
- अम्मा
- आगामी अतीत
- आजादी मुबारक
- आंखों देखा पाकिस्तान
- कहानी की तीसरी दुनिया
- काली आंधी
- कोहरा
- कितने पाकिस्तान
- गुलमोहर फिर खिलेगा
- चंद्रकांता
- जॉर्ज पंचम की नाक
- जिंदा मुर्दे
- तुम्हारा कमलेश्वर
- देश प्रदेश
- पति, पत्नी और वो
- महफिल
- मेरे हमसफ़र
- भारतमाता ग्रामवासिनी
- रेगिस्तान
- वही बात
- समुद्र में खोया आदमी
- सोलह छतों वाला घर
- हिंदुस्तान हमारा
फिल्में (Films)
फिल्में जिनमें कमलेश्वर ने स्टोरी लिखी या फिर योगदान दिया-
- अमानुष
- आनंद आश्रम
- आंधी
- छोटी सी बात
- बदनाम बस्ती
- द बर्निंग ट्रेन
- प्रीति
- मौसम
- यह देश
- रंग बिरंगी
- राजा बलराम
- लैला
- सारा आकाश
- साजन की सहेली
- सोतन
- सोतन की बेटी
कमलेश्वर की मृत्यु (Death of Kamleshwar)
कमलेश्वर प्रसाद सक्सेना की मृत्यु 27 जनवरी 2007 को हरियाणा के फरीदाबाद में हुई थी। उस समय उनकी उम्र 75 वर्ष थी। उनकी मृत्यु का कारण कुछ वर्षों के खराब स्वास्थ्य व हृदयाघात (Heart Attack) था।
वर्ष 2003 में उन्हें साहित्य अकैडमी अवॉर्ड से नवाजा गया। यह अवार्ड उनके उपन्यास कितने पाकिस्तान के आधार पर दिया गया था।
FAQs
कमलेश्वर 20वीं सदी के प्रसिद्ध लेखकों में से एक थे। उनका जन्म 6 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के मणिपुर में हुआ था। अपने जीवन के शुरुआती वर्षों में वे मणिपुर में ही रहे।
कमलेश्वर अपनी ग्रेजुएशन तथा मास्टर्स के लिए इलाहाबाद गए और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से उन्होंने उच्चत्तर शिक्षा ग्रहण की।
कमलेश्वर का जन्म 6 जनवरी 1932 को मेनपुरी, उत्तरप्रदेश में हुआ था।
27 जनवरी 2007 को, फरिदाबाद, हरियाणा में।
कमलेश्वर की प्रसिद्ध रचनाएं – अम्मा, आगामी अतीत, आजादी मुबारक, आंखों देखा पाकिस्तान, कहानी की तीसरी दुनिया, काली आंधी, कोहरा, कितने पाकिस्तान, गुलमोहर फिर खिलेगा, चंद्रकांता, जॉर्ज पंचम की नाक, जिंदा मुर्दे, तुम्हारा कमलेश्वर, देश प्रदेश, पति, पत्नी और वो, महफिल, मेरे हमसफ़र, भारतमाता ग्रामवासिनी, रेगिस्तान, वही बात, समुद्र में खोया आदमी, सोलह छतों वाला घर।