Bhagavad Gita quote in Hindi
मनुष्य में गीता की व्याख्या करने वाले की अपेक्षा और कोई मेरा प्रिय कार्य रचना करने वाला नहीं है और समस्त जगत में उनकी अपेक्षा अधिक प्रियतर और कोई नहीं होगा।
जो श्रद्वावान और द्वेष रहित व्यक्ति इसका श्रवण भी करते हैं। वे पाप मुक्त होकर पुण्य कर्मियों को प्राप्त होने वाले शुभ लोकों को प्राप्त करते हैं।
जहां योगेश्वर श्रीकृष्ण तथा धनुर्धर अर्जुन हैं, वहीं श्री राज्य लक्ष्मी विजय ऐश्वर्य वृद्धि और न्याय परायणता विद्यमान है यही मेरा निश्चित मत है।
हे राजन्! श्री हरि के उस अत्यंत अद्भुत रूप का बारंबार स्मरण कर मैं परम विस्मित हो रहा हूं और पुनः पुनः हर्षित तथा रोमांचित हो रहा हूं।
संजय ने कहा – इस प्रकार मैंने महात्मा वासुदेव तथा पार्थ के बीच हुए इस अद्भुत रोमांचकारी संवाद को सुना।