Bhagavad Gita quotes in Hindi
जिस प्रकार से मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्याग कर दूसरे नए वस्त्रों को ग्रहण करता है उसी प्रकार जीव आत्मा भी पुराने शरीर को त्याग कर नए शरीर को धारण करती है।
जिसने जन्म ग्रहण किया है उसकी मृत्यु निश्चित है और मृत व्यक्ति का जन्म भी निश्चित है। अतः इस अपरिहार्य विषय में तुम्हारा शोक करना उचित नहीं है।
दुर्योधन आदि महारथी तुम्हें भययुक्त होकर युद्ध से पलायन करने वाला समझेंगे। अतः जिनके निकट तुम इतने दिनों तक बहुसम्मानित हुए हो, वे ही तुम्हें तुछ समझेंगे।
स्वधर्म विहित कर्म करने में ही तुम्हारा अधिकार है, किंतु उस कर्म के फल में तुम्हारा अधिकार नहीं है। तुम स्वयं को न तो कर्म के फल का कारण मानो और न ही कभी कर्म के नहीं करने में आसक्त होओ।
जब तुम्हारी बुद्धि मोह रूप सघन वन को पार कर जाएगी, तब तुम सुनने योग्य और सुने हुए विषयों के प्रति वैराग्य प्राप्त करोगे।