भगवत गीता के अनमोल वचन (Bhagavad Gita quotes in Hindi)
मैं सभी भूतों में समान हूं। न तो कोई मेरा अप्रिय है और ना ही प्रिय है, किंतु जो भक्तिपूर्वक मुझे भजते हैं, वे जिस प्रकार मुझ में आसक्त हैं, मैं भी उनमें उसी प्रकार आसक्त रहता हूं।
हे प्रभू! यदि आप ऐसा मानते हैं कि मेरे द्वारा आपके उस ऐश्वर्यमय रूप को देखना संभव है तो हे योगेश्वर! आप मुझे अपना अविनाशी रूप को दिखाएं।
श्री भगवान ने कहा – हे पार्थ! मेरे नाना प्रकार एवं अनेकों वर्णन तथा आकृति सम्पन्न सैकड़ों हजारों दिव्य रूपों को देखो।
उस समय अर्जुन ने देवों के देव विश्वरूप के उस विराट शरीर में अनेक रूपों में विभक्त समग्र विश्व को एकत्र स्थित देखा।
श्री भगवान ने कहा – मैं लोगों का नाश करने वाला अत्युत्कट काल हूं और लोगों का संहार करने के लिए भी अभी प्रवृत्त हुआ हूं। प्रतिपक्ष में जो योद्धा गण हैं, वे तुम्हारे द्वारा हत हुए बिना भी जीवित नहीं रहेंगे।