भगवत गीता के अनमोल वचन (Bhagavad Gita quotes in Hindi)
अर्जुन ने कहा – हे देव! मैं आपके शरीर में समस्त देवताओं, अनेक जीव समुदाय, कमलासन पर विराजमान ब्रह्मा, शिव, सभी दिव्य ऋषियों तथा सर्पों को देख रहा हूं।
अतः तुम उठो और शत्रुओं को जीतकर कीर्ति लाभ करो एवं समृद्ध राज्य का भोग करो। ये समस्त योद्धा गण मेरे द्वारा पूर्व ही निहत हो चुके हैं। अतः हे अर्जुन! तुम निमित्त पात्र बन जाओ।
मेरे द्वारा पूर्व ही विनाश प्राप्त द्रोण, भीष्म, जयद्रथ, कर्ण तथा अन्य अन्य वीर योद्धाओं का भी तुम वध करो, व्यथित मत होओ। तुम युद्ध में शत्रुओं को जीतोगे, अतः युद्ध करो।
हे भगवन्! आप वायु, यम, अग्नि, वरुण, चंद्र, प्रजापति तथा ब्रह्मा के भी पिता हैं। अतः आपको मेरा हजारों बार नमस्कार है, पुनः पुनः नमस्कार है।
श्री भगवान ने कहा – जो निर्गुणा श्रद्धा के साथ मेरे श्याम सुंदर स्वरूप में मनो निवेश करके अनन्य भक्ति सहित यंत्र मेरी वासना करते हैं। वे श्रेष्ठ योग विद हैं यही मेरी अभिमत है।