भगवत गीता के अनमोल वचन (Bhagavad Gita quote in Hindi)
हे अनुपम प्रभाव विशिष्ट! आप इस चला चल विश्व के पिता, पूज्य, गुरु और गुरु श्रेष्ठ हैं। तीनों लोकों में जब आप के समान ही कोई नहीं तो भला आपसे बढ़कर कहां से होगा?
श्री भगवान ने कहा – तुमने मेरे जो इस अत्यंत दुर्लभ रूप का दर्शन किया, देवगण भी इसके दर्शन की नित्य अभिलाषा करते हैं।
तुमने जिस रूप में मुझे देखा, इस रूप में न वेद, तपस्या तथा दान के द्वारा और ना ही यज्ञ के द्वारा दर्शनीय हूं।
हे पांडव – जो मेरे लिए ही कर्म करते हैं, मेरे परायण हैं, मेरे श्रवण कीर्तन आदि भक्ति के विविध रंगों का पालन करने वाले हैं, आसक्ति रहित है तथा सभी भूतों के प्रति राग द्वेष रहित हैं वह मुझे प्राप्त करते हैं।
जो लोग समस्त कर्म मेरी प्राप्ति के लिए अर्पित कर मेरे परायण होकर अनन्य भक्ति योग से मेरा ध्यान करते हुए मुझे भजते हैं, हे पार्थ! मुझ में आसक्त चित्त उन लोगों को शीघ्र ही मैं इस मृत्यु रूप संसार सागर से पार कर देता हूं।