Bhagavad Gita Quotes in Hindi | भगवत गीता के अनमोल वचन

भगवत गीता के अनमोल वचन (Bhagavad Gita in Hindi)

दूसरी ओर यदि तुम यह धर्म युद्ध नहीं करोगे तो स्वधर्म व कीर्ति को खोकर पाप का अर्जन करोगे।

बुद्धि योग से युक्त व्यक्ति इस जन्म में ही सुकृत और दुष्कृत दोनों का परित्याग करते हैं। अतः तुम निष्काम कर्म योग के लिए चेष्टा करो। समभाव के साथ बुद्धि योग्य आश्रय में कर्म करना ही कर्म योग का कौशल है।

जो मनुष्य सभी कामनाओं का परित्याग करते हुए स्पृहाशून्य, अहंकार रहित और ममता शून्य होकर विचरण करते हैं, वे शांति प्राप्त करते हैं।

सभी जीव अन्न से उत्पन्न होते हैं और अन्न की उत्पत्ति वर्षों से होती है। यज्ञ से वर्षा होती है और यज्ञ कर्म से उत्पन्न होता है।

सभी प्रकार के कर्म प्रकृति के गुणों के द्वारा किए जाते हैं परंतु अहंकार से मोहित चित्तवाला व्यक्ति ऐसा मान लेता है कि मैं कर्ता हूं।

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