भगवत गीता के अनमोल वचन (Bhagavad Gita quote in Hindi)
जिस प्रकार सर्वव्यापी तथा अपरिसीम होने पर भी वायु सदा ही आकाश में स्थित है उसी प्रकार समस्त भूत मुझ में अवस्थित हैं।
हे अर्जुन! जिस प्रकार प्रज्वलित अग्नि काष्ठ आदि ईंधन को भस्म कर देती है उसी प्रकार ज्ञान रूप अग्नि समस्त कर्मों को भस्म कर देती है।
यह चंचल और अस्थिर मन जिन जिन विषयों की ओर भागता है, मन को उन उन विषयों से निगृहीतकर आत्मा में ही स्थिर करेंगे।
हे पार्थ! मुझे सभी भूतों का नित्य कारण जानो। मैं बुद्धिमानों की बुद्धि तथा तेजस्वियों का तेज हूं।
योग माया द्वारा आवृत मैं सभी को दृष्टिगोचर नहीं होता हूं। अज्ञानी मानव गण जन्म रहित तथा नित्य मुझे नहीं जान पाते हैं।