शाहू महाराज (अंग्रेजी: Shahu Maharaj) मराठा साम्राज्य के पांचवे छत्रपति शासक थे। शाहू का बचपन बहुत भयानक रहा। 1689 में उन्हें तथा उनकी माता को मुगलों ने जेल में बंद कर दिया। जब बालक शाहू को बंदी बनाया गया था तब उनकी उम्र मात्र 7 वर्ष थी और उन्हें 18 वर्षों तक जेल में रखा गया था।
छत्रपति शाहू महाराज का परिचय (Introduction to Chhatrapati Shahu Maharaj)
नाम | छत्रपति शाहू महाराज (Shahu Maharaj) |
जन्म | 18 मई 1682, गंगावाली किला, मानगांव (महाराष्ट्र, भारत) |
माता | येसूबाई |
पिता | छत्रपति संभाजी महाराज |
पुत्र | संभाजीराजे |
दत्तक पुत्र | राजाराम द्वितीय, फतेह सिंह प्रथम, |
पुत्री | गजराबाई, राजसबाई |
दत्तक पुत्री | पार्वतीबाई |
पत्नी | सावित्रीबाई, अंबिका बाई, सकवरबाई, सगुनाबाई |
दादा | छत्रपति शिवाजी महाराज |
दादी | सईबाई |
पूर्ववर्ती राजा | शिवाजी द्वितीय |
उत्तराधिकारी राजा | राजाराम द्वितीय |
धर्म | हिंदू |
प्रसिद्धि का कारण | मराठा साम्राज्य के पांचवें छत्रपति, शिवाजी महाराज के पोते तथा संभाजी के पुत्र |
शासन | 12 जनवरी 1707 – 15 दिसंबर 1749, मराठा शासन |
मृत्यु | 15 दिसंबर 1749, रंगमहल, सतारा (महाराष्ट्र) |
जीवनकाल | 67 वर्ष |
शाहू महाराज का जन्म 18 मई, 1682 ईस्वी को गंगावाली किले, मानगांव (महाराष्ट्र) में हुआ था। उनके पिता छत्रपति संभाजी महाराज तथा माता येसूबाई थी। बालक शाहू के शुरुआती 6 वर्ष एकदम कुशलता से गुजरे। परंतु जब वे 7 वर्ष के थे तब 1689 में उनके पिता संभाजी महाराज शहीद हो गए।
मुगलों ने शाहू के पिता संभाजी के शरीर को बड़ी ही बेरहमी से काटकर नदी में फेंक दिया और उनके परिवार को बंदी बना लिया था। जिसके बाद शाहू तथा उसकी माता येसूबाई को मुगलों ने जेल में डाल दिया।
मुगल शासक औरंगजेब ने उनको ताउम्र जेल में रखने का आदेश दिया। जब 1707 में औरंगजेब की मृत्यु हो गई थी। तब शाहू महाराज को रिहा कर दिया गया परंतु उसकी माता येसुबाई को अभी भी बंदी बनाकर रखा गया ताकि शाहू कल को मुगलों के खिलाफ खड़ा ना हो सके। 1719 में जब शाहू को शासन करते हुए 12 वर्ष हो गए थे तब उसकी माता येसूबाई को भी रिहा कर दिया गया।
शाहू (Shahu Maharaj) अपने दादा शिवाजी महाराज के गुणों से विरोचित्त थे। उनकी परदादी जीजाबाई थी जो शिवाजी महाराज की माता थी।
जेल से रिहा होने के बाद शाहू महाराज (Shahu Maharaj After Getting Released from the Prison)
जैसा आपने पढ़ा कि औरंगजेब की मृत्यु के बाद 1707 में शाहू महाराज को जेल से रिहा कर दिया गया था। उन्हें रिहा करने के साथ 50 व्यक्तियों की सेना भी दी गई ताकि मुगल व मराठों के बीच मित्रता पूर्ण संबंध बन पाएं।
इसके बाद महाराज को अपनी चाची ताराबाई के साथ एक छोटा युद्ध लड़ना पड़ा क्योंकि ताराबाई ने अपने नवजात पुत्र शिवाजी द्वितीय को मराठा शासन का उत्तराधिकारी बना दिया था जिसे हटा करके शाहू को राजगद्दी पर अधिकार करना था।
ताराबाई राजाराम प्रथम की पत्नी थी और राजाराम प्रथम छत्रपति शिवाजी महाराज के छोटे पुत्र थे यानि की शाहू के चाचा थे।
और 1707 ईस्वी में ही बालक शिवाजी द्वितीय को शासन से हटाने के बाद शाहू महाराज मराठा साम्राज्य के शासक बने।
परिवार व व्यक्तिगत जीवन (Family & Personal Life)
शाहू महाराज की 4 पत्नियां थी जिन्होंने दो पुत्रों तथा चार पुत्रियों को जन्म दिया। शाहू महाराज के पुत्र संभाजी राजे (ना कि छत्रपति संभाजी महाराज) थे।
महाराज ने पार्वती बाई नामक एक कन्या को गोद लिया था जब वह 3 वर्ष की थी। जब वह 15 वर्ष की हुई तब उन्होंने उसका विवाह श्रीमंत सदाशिव राव भाऊ से करवाया था। उसका विवाह तथा रहन-सहन का खर्चा भी शाहू ने उठाया था।
इसके अलावा शाहू ने दो पुत्रों फतेहसिंह प्रथम तथा राजाराम द्वितीय को भी गोद लिया। शाहू की मृत्यु के बाद उसका गोद लिया हुआ पुत्र राजाराम द्वितीय मराठा साम्राज्य की राजगद्दी पर बैठा था।
उनके दूसरे दत्तक पुत्र फतेहसिंह प्रथम मेहरबान सयाजी लोखंडे के पुत्र थे जो पारूद के पाटिल थे। फतेह सिंह को गोद लेने से पहले उसका नाम रानूजी लोखंडे था। बाद में सब लोग उन्हें फतेहसिंह राजे साहिब भोंसले के नाम से पुकारने लगे। फतेहसिंह को गोद लेने के बाद उन्हें अक्कलकोट शहर तथा उसके आसपास के क्षेत्र दे दिए गए।
शासन (Reign)
शाहू महाराज ने 12 जनवरी 1707 को मराठा साम्राज्य की बागडोर संभाली और उसी समय उन्होंने बालाजी विश्वनाथ को अपना पेशवा नियुक्त किया। बालाजी विश्वनाथ एक वफादार तथा समझदार पेशवा थे और वह अपनी मृत्यु दम तक शाहू के साथ ही रहे।
विश्वनाथ की मृत्यु के बाद उनके पुत्र बाजीराव प्रथम ने पेशवा का पद संभाला। बाजीराव एक बहुत ही महान योद्धा साबित हुए। आधुनिक समय में उनके व्यक्तित्व पर बाजीराव मस्तानी नाम की मूवी भी बनाई गई है।
बाजीराव के पुत्र बालाजी बाजीराव थे जिन्हें नानासाहेब (ना कि 1857 की क्रांति वाले नाना साहेब) के नाम से भी जाना जाता है।
पेशवा बाजीराव प्रथम ने शिंदे, होलकर, गायकवाड, पवार तथा नागपुर के भोंसले इत्यादि के साथ अच्छे संबंध बनाकर मराठा साम्राज्य को उत्तरी भारत तथा लगभग हर दिशा में विस्तारित किया।
मृत्यु (Death)
पार्वतीबाई का विवाह सदाशिव राव भाऊ से हो गया था। और राधिका बाई का विवाह विश्वराव पेशवा के साथ होने की बातें चल रही थी।
तभी उसी समय 15 दिसंबर, 1749 को 67 साल की उम्र में छत्रपति शाहू महाराज का रंगमहल, सतारा जिले (महाराष्ट्र) में देहांत हो गया। शाहू ने लगभग 42 वर्षों तक दक्षिणी भारत के मराठा साम्राज्य पर शासन किया।
छत्रपति महाराज (Shahu Maharaj) की मृत्यु के बाद, उनका गोद लिया हुआ पुत्र राजाराम द्वितीय ने खुद को उत्तराधिकारी घोषित किया। क्योंकि वह मानता था कि उसकी दादी ताराबाई है जो शाहू की चाची थी।
परंतु राज्य की वास्तविक शक्तियां ताराबाई तथा पेशवा बालाजी बाजीराव के पास थी।
FAQS
उत्तर- छत्रपति शाहू महाराज मराठा साम्राज्य के पांचवें छत्रपति थे जो छत्रपति संभाजी महाराज के पुत्र थे। उनका जन्म 18 मई, 1682 को मनगांव, महाराष्ट्र में हुआ था। जब वह मात्र 7 वर्ष के थे तब उन्हें मुगलों ने बंदी बना लिया था तथा 18 वर्षों तक जेल में रखा।
उत्तर- छत्रपति शाहू महाराज (Shahu Maharaj)।
उत्तर- 1707 ईस्वी में मुगल शासक औरंगजेब की मृत्यु हो गई थी। उसकी मृत्यु के बाद शासन पर नए व्यक्ति का आगमन हुआ। नये मुगल शासक ने मराठों व मुगलों के बीच में रिश्तों को अच्छा बनाने के लिए शाहू महाराज को जेल से रिहा कर दिया तथा उन्हें 50 सैनिक भी दिए।
उत्तर- 1689 में रायगढ़ की जंग हुई थी जिसमें मराठों तथा मुगलों ने भाग लिया था। मराठा शासक संभाजी महाराज की इस जंग में हार हुई तथा उन्हें बंदी बना लिया गया। इसके साथ ही उनके परिवार के लोग जैसे उनके पुत्र शाहू (Shahu Maharaj) तथा पत्नी येसूबाई को भी बंदी बना लिया गया।
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