सतारा के राजाराम द्वितीय का जीवन परिचय | Rajaram II of Satara Biography in Hindi

Rajaram II of Satara in Hindi: राजाराम द्वितीय मराठा साम्राज्य के छठे शासक थे जिन्हें सतारा के राजाराम भोसले द्वितीय के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म जून, 1726 को कोल्हापुर में हुआ था। राजाराम के पिता शिवाजी द्वितीय थे जो मराठा साम्राज्य के शासक बनना चाहते थे परंतु शाहू महाराज के जेल से रिहा होने पर उनसे मराठा शासन की बागडोर छीन ली गई। और राजाराम अपनी दादी ताराबाई के साथ ही रहने लगे।

सतारा के राजाराम द्वितीय का परिचय (Introduction to Rajaram II of Satara)

नामराजाराम II (Rajaram II of Satara)
जन्मजून 1726, कोल्हापुर, महाराष्ट्र (भारत)
वास्तविक पिताशिवाजी द्वितीय
गोद लेने वाला पिता छत्रपति शाहू महाराज
दादाराजाराम प्रथम
दादीताराबाई
खानदानमराठा
धर्महिंदू
पूर्ववर्ती राजाछत्रपति शाहू महाराज प्रथम
उत्तराधिकारी राजाशाहू महाराज द्वितीय
शासन15 दिसम्बर 1749 – 11 दिसम्बर 1777, मराठा साम्राज्य
प्रसिद्धि का कारणमराठा साम्राज्य का छठा शासक
मृत्यु11 दिसम्बर 1777, सतारा, महाराष्ट्र (भारत)
उम्र51 वर्ष
सतारा के राजाराम द्वितीय की इमेज
सतारा के राजाराम द्वितीय का जीवन परिचय (Rajaram II of Satara Biography in Hindi)

सतारा के राजाराम द्वितीय का जन्म 1726 के जून के महीने में कोल्हापुर में हुआ था। उनके पिता का नाम शिवाजी द्वितीय था जिनकी मृत्यु मार्च 1726 को मात्र 29 वर्ष की आयु में हो गई थी। यानि कि उस समय राजाराम अपनी माता की कोख में थे। शिवाजी द्वितीय की मृत्यु का कारण स्मालपॉक्स बताया गया है।

जन्म से पहले ही पिता का साया उठ जाने के बाद राजाराम का पालन पोषण व देखरेख उनकी मां तथा दादी ताराबाई ने किया। उनके दादा राजाराम प्रथम थे जो छत्रपति शिवाजी महाराज के दूसरे छोटे बेटे थे। 

शाहू महाराज ने राजाराम द्वितीय को लिया गोद (Shahu Maharaj Adopted Rajaram II of Satara)

1707 में औरंगजेब की मृत्यु के बाद बहादुर शाह ने शाहू महाराज को मुगल जेल से रिहा कर दिया। परंतु उसकी माता येसूबाई को जेल में रखा ताकि शाहू मुगलों के खिलाफ कोई अभियान न चलाएं। लगभग 12 वर्ष के बाद मुगलों ने येसूबाई को भी रिहा कर दिया। 

1740 में राजाराम द्वितीय की दादी मां ताराबाई उसे शाहू महाराज के पास लेकर गई और यह वादा किया कि यह बच्चा उसका पोता है तथा छत्रपति शिवाजी महाराज का पड़पौत्र है। इन बातों से प्रभावित होकर शाहू महाराज ने उसे गोद ले लिया। 

ताराबाई ने बताया कि उनके पोते के जन्म के बाद उसकी सुरक्षा व पालन-पोषण का भार उनके खुद के ऊपर था। और यह बच्चा एक मराठा खून है।

शाहू महाराज की मृत्यु के बाद मराठा शासन (Maratha Empire after the death of Shahu)

15 दिसंबर 1749 को सतारा के रंग महल में छत्रपति शाहू महाराज की मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारी का प्रश्न उठा।

क्योंकि शाहू के पुत्र संभाजी राजे संभवत ज्यादा योग्य इंसान नहीं थे इसलिए उन्हें उत्तराधिकारी नहीं माना गया। बल्कि, शाहू महाराज के द्वारा गोद लिए गए पुत्र राजाराम द्वितीय को मराठा साम्राज्य का उत्तराधिकारी घोषित किया गया।

हालांकि राजाराम सिर्फ एक कल्पित शासक था यानि कि शासन का निर्णय व शक्ति उसके हाथों में नहीं थी। पेशवा बालाजी बाजीराव व उनके कई पेशवाओं के पास मराठा साम्राज्य की शक्तियां थीं।

पेशवा बालाजी बाजीराव ही इतिहास में नाना साहेब (ना कि 1857 की क्रांति वाले नाना साहेब) के नाम से भी जाने गए हैं।

जब पेशवा बाजीराव बिठूर की तरफ जा रहे थे तब पीछे से ताराबाई ने राजाराम से विनती की कि उन्हें पेशवा के पद से हटा दिया जाए। परंतु राजाराम ने मना कर दिया। जिसके बाद ताराबाई ने 24 नवंबर 1750 को राजाराम को ही बंदी बना लिया।

ताराबाई ने बताया कि राजाराम II मराठा नहीं है (Tarabai Claimed Rajaram II is not a Maratha)

ताराबाई ने यह घोषित किया कि राजाराम उसका पौत्र नहीं है। उसने शाहू महाराज के सामने झूठ बोला था। राजाराम तो गोंधाली जाति का एक व्यक्ति है, वह कोई मराठा नहीं है।

बाद में 14 सितंबर 1752 को नाना पेशवा बाजीराव तथा ताराबाई ने जेजुरी के खंडोबा मंदिर में शपथ ली कि वे आपस में पारिवारिक शांति बनाए रखेंगे। और इसी शपथ के दौरान एक अन्य शपथ भी ताराबाई को दिलवाई। इस शपथ के अनुसार, राजाराम द्वितीय ताराबाई का पोता नहीं है बल्कि गोंधाली जाति का एक इंसान है। 

इसके बाद भी पेशवा बाजीराव ने राजाराम द्वितीय (Rajaram II of Satara) को फिर से मराठा साम्राज्य का छत्रपति बनाया परंतु कोई शक्तियां नहीं दी।

राजाराम द्वितीय की मृत्यु (Death of Rajaram II of Satara)

सतारा के राजाराम द्वितीय ने 15 दिसंबर, 1749 से लेकर 11 दिसंबर, 1777 तक मराठा साम्राज्य के छठे छत्रपति के रूप में शासन किया। इस शासन वक्त के दौरान वह सिर्फ काल्पनिक शासक थे, उनके पास कोई शक्तियां नहीं थी।

सतारा के राजाराम द्वितीय की मृत्यु 11 दिसंबर 1777 को 51 वर्ष की उम्र में सतारा, महाराष्ट्र में हुई थी।

राजाराम की मृत्यु के बाद शाहू द्वितीय को मराठा साम्राज्य का अगला उत्तराधिकारी घोषित किया गया। परंतु शाहू द्वितीय के पास भी कोई शक्तियां नहीं थी।

FAQs

राजाराम द्वितीय का जन्म कब हुआ कहां हुआ था?

जून 1726, कोल्हापुर, महाराष्ट्र (भारत) में।

शिवाजी द्वितीय कौन थे?

सतारा के राजाराम द्वितीय (Rajaram II of Satara) के पिता का नाम शिवाजी द्वितीय था जिन्होंने मात्र 7 वर्ष तक मराठा साम्राज्य पर शासन किया। 29 वर्ष की उम्र में रायगढ़ के किले में शिवाजी द्वितीय की मृत्यु हो गई।

पेशवा नानासाहेब को इतिहास में किस नाम से जाना गया है?

पेशवा बालाजी बाजीराव।

नाना साहेब का मराठा साम्राज्य से क्या संबंध था?

नानासाहेब मराठा साम्राज्य के पेशवा थे। शाहू महाराज की मृत्यु के बाद मराठा साम्राज्य की सारी ताकत उनके व उनके सामंतों के हाथों में आ गई जिसकी वजह से मराठा साम्राज्य के अन्य छत्रपति शक्ति विहीन शासक के रूप में अपना कर्तव्य निभाने लगे।

ताराबाई कौन थी?

ऐसा माना जाता है कि ताराबाई राजाराम भोसले प्रथम की पत्नी थी। जिनके बेटे का नाम शिवाजी द्वितीय तथा पोते का नाम राजाराम द्वितीय था। ताराबाई ने अपने पोते राजाराम द्वितीय (Rajaram II of Satara) को शाहू महाराज से शासन दिलवाया और बाद में उसी को ही अपना पोता मानने से इनकार कर दिया।

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